Chhoti Diwali 2023 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat And Significance of this Day

Chhoti Diwali जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है, भारत में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण रूप और सौंदर्य की प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन भगवान कृष्ण, हनुमान जी, यमराज, और मां काली के पूजन का विधान होता है और हनुमान जयंती का भी आयोजन किया जाता है। यह त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है।

Happy chhoti diwali 2023 छोटी दिवाली

Chhoti Diwali 2023 Date Details

इस वर्ष दीवाली 11 नवम्बर 2023 को मनाई जाएगी और अमावस्या तिथि की शुरुआत 11 नवम्बर 2023 को शाम 5 बजकर 27 मिनट से होकर 12 नवम्बर 2023 को शाम 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। इस दिन के शुभ मुहूर्त और प्रदोष काल की संपूर्ण जानकारी भी आप यहां प्राप्त कर सकते हैं।

भारत में दीवाली का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस समय लोग अपने घरों को दीपों से सजाकर खुशियों के साथ रौंगते जमाते हैं। दीवाली के एक दिन पहले छोटी दीवाली को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर आता है। इस बार छोटी दीवाली 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

Chhoti Diwali Story

छोटी दीवाली से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा ने नरकासुर का वध किया था। नरकासुर अत्याचारी राक्षस था जिसने अनेक महिलाओं को अपहरण करके उन्हें कैद किया था। भगवान श्रीकृष्ण ने उसकी साजिशों को नष्ट करके उसे वध किया और उसकी कैद से लगभग 16 हजार महिलाओं को मुक्ति दिलाई। इस श्रेष्ठ कार्य को स्मरण करते हुए लोग छोटी दीवाली का उत्सव मनाते हैं।

नरक चतुर्दशी का पूजन अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान यमराज और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से मनुष्य को बुराईयों से रक्षा मिलती है और उसके जीवन में सुख-शांति का वास होता है। रूप चौदस के दिन आगमन के समय दीपक जलाए जाते हैं और घरों को रौंगतों से सजाया जाता है।

यह नव वर्ष की शुरुआत होती है और लोग खुशियों के साथ इसे मनाते हैं। रात्रि में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और उन्हें मिठाईयों और फलों से भोग लगाया जाता है। इस अवसर पर घरों की दीवारों पर रंगोली बनाई जाती है और दीपकों का उत्सव भी आयोजित किया जाता है।

छोटी दीवाली का महत्वपूर्ण अंश है उसका समय नियंत्रण करना, दुर्भाग्य को दूर करना, और समृद्धि एवं शांति की प्राप्ति के लिए पूजन करना। यह दिन संयम, समर्पण, और अच्छाई के संदेश को सबके दिलों में बसाने का भी अवसर होता है। छोटी दीवाली के उत्सव के जरिए हम अपने जीवन को खुशियों से भर देते हैं और अच्छाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।

कब है नरक चतुर्दशी?

नरक चतुर्दशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए पूजा जाता है। इस पर्व की पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन राक्षस नरकासुर का वध करके देवताओं और ऋषियों को उसके आतंक से मुक्ति दिलवाई थी।

दीपावली का पर्व एक नहीं बल्कि पूरे पांच दिनों तक चलता है। इस महोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसके दूसरे दिन नरक चतुर्दशी पड़ती है। नरक चतुर्दशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली के ठीक एक दिन पहले कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन लोग घरों के कुछ विशेष स्थानों पर दीप प्रज्वलित करते हैं। मान्यता है कि इस दिन मुख्य द्वार के पास दीया जरूर जलाना चाहिए जिससे घर की सुख समृद्धि बनी रहे।

छोटी दीवाली और बड़ी दीवाली एक दिन ?

नर्क चतुर्दशी के दिन भगवान यमराज की पूजा अर्चना करने का विधान है। नर्क चतुर्थी के दिन भगवान यमराज को दीप-दान किया जाता है। दीप-दान करने से व्यक्ति को सुख और अच्छे स्वास्थ्य की मनोकामना का फल मिलता है। इस बार नर्क चतुर्दशी 1 नवम्बर 2023 को मनाई जाएगी। इस साल का विशेष होगा कि छोटी दीवाली और बड़ी दीवाली एक ही दिन मनाई जाएगी।

धनतेरस 10 नवम्बर 2023 को है और इस दिन शाम 5 बजकर 3 मिनट से चतुर्दशी शुरू हो जाएगी, इसलिए लोगो को थोड़ा भ्रम हो गया है, इसलिए जो लोग चतुर्दशी की पूजा शाम को करना चाहें वो इसी दिन कर सकते हैं, यह गलत नहीं होगा, तो वहीं दूसरी ओर चतुर्दशी 11 नवम्बर 2023, शाम 5 बजकर 27 मिनट तक रहेगी और उदया तिथि 11 नवम्बर को ही है इसलिए नरक चतुर्दशी शुक्रवार को ही है।

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छोटी दिवाली के रूप में भी जानी जाने वाली नरक चतुर्दशी एक महत्वपूर्ण पर्व है जो हिंदू समुदाय में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान यमराज को पूजा जाता है और उन्हें दीपों के दान से आनंदित किया जाता है। यह त्योहार समाज में एकता और प्रेम का संदेश भी लाता है। छोटी दिवाली के दिन भगवान कृष्ण और सत्यभामा ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और उसके बंदी गृह से हजारों महिलाएं मुक्त हो गई थीं। इस पर्व के चलते नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है।

इस विशेष पर्व को संयम, समर्पण, और अच्छाई के संदेश को सभी के दिलों में बसाने का अवसर भी मिलता है। छोटी दीवाली के उत्सव के जरिए हम अपने जीवन को खुशियों से भर देते हैं और अच्छाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। इस वर्ष भी हम सभी नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली के रूप में समर्पित करते हैं और इस खास त्योहार को प्रसन्नता और उत्साह से मनाते हैं।

छोटी दीवाली 2023 पूजा विधि

नरक चतुर्दशी के दिन प्रातः जल्दी उठें और स्नान, अभ्यंग से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और सभी देवी-देवताओं को स्नान कराएं। घर के मंदिर में दीपक जलाएं और प्रदोष काल के समय घर के मुख्य द्वार या आंगन में दीपक जलाएं। एक दीपक यमराज के नाम का जलाएं और मुख्य द्वार के बाहर रखें। इस दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा माता लक्ष्मी समेत करते हैं।

छोटी दीवाली 2023 का महत्व

नरक चतुर्दशी के दिन प्रातः जल्दी उठें, नहाएं और साफ सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और सभी देवी-देवताओं को भी नहलाएं। घर के मंदिर में दीपक जलाएं और प्रदोष काल के समय घर के आंगन में भी दीपक जलाएं। एक दीपक यमराज के नाम से जलाएं और मुख्य गेट पर रख दें। इस दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा भी करते हैं।

नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली के रूप में भी माना जाता है, एक हिंदू त्योहार है। यह कार्तिक मास के हिंदी महीने में कृष्ण पक्ष के चौदहवें दिन पड़ता है। इस दिन सत्यभामा और भगवान कृष्ण ने नकासुर का वध किया था। हिंदी धर्म में बड़ी दीवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मानी जाती है। छोटी दिवाली पर धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर, और गणेश जी की पूजा की जाती है।

इसके अलावा छोटी दिवाली पर मृत्यु के देवता यमराज की भी पूजा का विशेष महत्व होता है। नरक चतुर्दशी के इतिहास में यमराज ने देवी सत्यभामा को भ्रमित करके नकासुर के वध में मदद की थी। उस युद्ध में सत्यभामा ने नकासुर को परास्त करके उसका वध किया और सभी कन्याओं को छुड़वा लिया। इसीलिए इस दिन को नरक चतुर्दशी भी कहते है। छोटी दिवाली भी इसी दिन मनाई जाती है।

छोटी दिवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण, माँ काली, भगवान यमराज, हनुमान जी, भगवान शिव और भगवान गणेश की पूजा करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग अपने घर के द्वार पर तेल के दीपक जलाते हैं और इस पवित्र मौके को खास धूमधाम से मनाते हैं।

धर्मांतरित करने के लिए क्षमा चाहता हूं, और आपके लिए यह छोटी दीवाली पूजा विधि के लिए उपयुक्त जानकारी है। इसे आप अपने छोटे-छोटे भाषणों या लेखों में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस खास त्योहार को ध्यान में रखते हुए, आपके और आपके परिवार को ढेर सारी शुभकामनाएं और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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